भारत के उत्तराखण्ड राज्य के रूद्र प्रयाग के निकट गंगोत्री हिमनद से गोमुख नामक स्थान से अवतरित होने वाली गंगा अपनी 2525 किमी अर्थात 1569 मील की यात्रा को अलकनन्दा के नाम से प्रारंभ करके पद्मा के रूप में पूर्ण करती है। गंगा का चरम महत्व हरिद्वार, प्रयाग और काशी में देखा जा सकता है। भारतीय हिन्दु मान्यताओं के अनुसार गंगा पालनहार भगवान विषणु के चरणों से उत्पन्न और भगवान शिव की जटाओं मे निवास करने वाली है। गंगा की चर्चा ऋग्वेद, महाभारत, रामायण, पुराणों एवं ब्राम्हण ग्रंथों में पुण्य सलिला, पाप नाशिनि, मोक्ष दायिनि आदि नामो से मिलती है। पंचामृत में गंगाजल को भी एक अमृत कहा गया है। गंगा भारत की सबसे बड़ी नदी प्रणाली है जिसकी मुख्य सहायक नदियां यमुना, रामगंगा, कोसी, गंडक, घाघरा, सोन, महानंदा आदि है। 3892 मीटर अर्थात् 12769 फीट की ऊॅचाई से अवतरित गंगा 907000 वर्ग किमी अर्थात् 3,50,195 वर्ग मील की घाटी का निर्माण करती हे।