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दिव्य फल से हनुमान जन्म
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01-January-1970 00:00:00
अंजना माँ को पुत्र प्राप्ति की इच्छा थी। उसी काल में अयोध्या के राजा दशरथ भी पुत्रों की प्राप्ति के लिए यज्ञ करवा रहे थे। जिनमें से उत्पन्न हुए फल को तीन रानीयों नें खाया लेकिन यग्योत्पति से निकला एक फल पक्षी ले उड़ा, उसनें वह फल एक पर्वत पर…
पुत्र पर वार से पवन देव का क्रोध
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01-January-1970 00:00:00
भूख लगने पर एक बार बाल हनुमान सूर्य को फल समझ बैठे और उसे निगलने उड़ चले, तब राहू ने इंद्र से सहायता मांगी, देवेन्द्र नें बाल हनुमान के विराट स्वरूप पर प्रहार किया और वह मुर्छित हो कर धरा पर आ गिरे। इस बात का पता जब पवन देव…
हनुमान जी अपनी शक्तियां क्यों भूल गए
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01-January-1970 00:00:00
बालक हनुमान अत्यंत शरारती थे, वह किसी भी बाग़ बगीचे में घुस कर उत्पात मचाते और फल खा लेते, शिव के अंश हनुमान को गदा कुबेर से मिली, इसके अलावा उन्हें कई देवताओं से दिव्यास्त्र और विद्याएं प्राप्त थी, उत्सुकता और चंचलता वश बाल हनुमान ऋषियों को खूब सताते, कभी…
हनुमान और उनके पुत्र मकरध्वज की गाथा
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01-January-1970 00:00:00
वीर हनुमान ब्रह्मचारी हैं, लेकिन रावण राम युद्ध के समय हनुमान का सामना पाताल लोक में मकरध्वज से हुआ, वह खुद को हनुमान पुत्र बता रहा था, जिस से बजरंग बली क्रोधित हुए, परंतु जब मकरध्वज ने तर्क दिया तो हनुमान जी उनकी बात से संतुष्ट हो गए, तर्क यह…
मृत्युदंड पाने के बाद भी हनुमान को राम जी मार न सके
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01-January-1970 00:00:00
नारद जी ने ऋषिगण की आवभगत करने का कार्यभार हनुमान जी को सौंपा, लेकिन इन सब में से राम के गुरु विश्वामित्र का सत्कार न करने को कहा, हनुमान जी इस रहस्य को समझ नहीं पाए, लेकिन उन्होंने नारदजी की आज्ञा का पूर्णतः पालन किया।जिस के फल स्वरूप विश्वामित्र क्रोधित…
हनुमान जी के प्रकोप से कर्ण मरते मरते बचा
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01-January-1970 00:00:00
अर्जुन और कर्ण में भयंकर युद्ध चल रहा था। कर्ण के कुछ वाण श्री कृष्ण को भी लगे, जिस से उनका कवच टूट गया, यह सब देख हनुमान जी नें प्रचंड गर्जना की, उनके आग्नेय नेत्र कर्ण को ऐसे घूर रहे थे जैसे अभी उसे भस्म कर देंगे। हनुमान जी…
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