हनुमान ने शनिदेव को रावण के चंगुल से मुक्त कराया

Updated on 01-01-1970 12:00 AM


रावण अति बलशाली योद्धा था, उसने सभी ग्रहों को बंदी बना लिया था, समस्त देवता भी उनके आगे हाथ बांधे खड़े रहते थे। लंका में जब हनुमान जी गए तो खलबली मचा दी थी, वहीँ उन्हें रावण के कारागार में शनिदेव बंदी अवस्था में मिले, तब बजरंगबली ने अपने पराक्रम से उन्हें मुक्त करा लिया। इसी के फल स्वरूप उन्होंने हनुमान जी को आशीर्वाद दिया, की जो भी व्यक्ति सच्चे भाव से बजरंगबली की भक्ति करता है, वह (शनिदेव) उस पर प्रकोप नहीं लाएंगे उसका आनिष्ठ भी नहीं करेंगे।


अन्य महत्वपुर्ण खबरें

 01 January 1970
श्री कृष्ण की कृपा छाया में पांचों पांडव धर्म युद्ध लड़ने वाले थे। लेकिन उसके पहले उन्हें कौरवों ने खूब सताया, लाक्षागृह, वनवास और जुआ कपट इसी के हिस्से थे,…
 01 January 1970
अर्जुन एक बार रामेश्वरम पहुंचे, जहाँ एक वानर श्रीराम की भक्ति में लीन था, अपनी धनुरविद्या के अहंकार में मग्न पार्थ ने वाण चलाया, तब हनुमान जी नें प्रकट हो…
 01 January 1970
रावण अति बलशाली योद्धा था, उसने सभी ग्रहों को बंदी बना लिया था, समस्त देवता भी उनके आगे हाथ बांधे खड़े रहते थे। लंका में जब हनुमान जी गए तो…
 01 January 1970
हनुमान जी अमर हैं लेकिन उनकी भी मृत्यु हुई थी, राक्षस सहस्शिरा को मारने के लिए एक बार भगवान राम निकले। बहुत समय हुआ तो माँ सीता की आग्या पर…
Advt.