रावण अति बलशाली योद्धा था, उसने सभी ग्रहों को बंदी बना लिया था, समस्त देवता भी उनके आगे हाथ बांधे खड़े रहते थे। लंका में जब हनुमान जी गए तो खलबली मचा दी थी, वहीँ उन्हें रावण के कारागार में शनिदेव बंदी अवस्था में मिले, तब बजरंगबली ने अपने पराक्रम से उन्हें मुक्त करा लिया। इसी के फल स्वरूप उन्होंने हनुमान जी को आशीर्वाद दिया, की जो भी व्यक्ति सच्चे भाव से बजरंगबली की भक्ति करता है, वह (शनिदेव) उस पर प्रकोप नहीं लाएंगे उसका आनिष्ठ भी नहीं करेंगे।