बालक हनुमान अत्यंत शरारती थे, वह किसी भी बाग़ बगीचे में घुस कर उत्पात मचाते और फल खा लेते, शिव के अंश हनुमान को गदा कुबेर से मिली, इसके अलावा उन्हें कई देवताओं से दिव्यास्त्र और विद्याएं प्राप्त थी, उत्सुकता और चंचलता वश बाल हनुमान ऋषियों को खूब सताते, कभी वह उनकी लंगोट फाड़ देते तो कभी कमण्डल का पानी गिरा कर भाग जाते, एक बार अंगिरा और भृंग वंश के ऋषि तपस्या कर रहे थे, तब हनुमान नें उन्हें भी सताया, इसके फल स्वरूप उन्हें सारी शक्तियां भूल जाने का शाप मिला, फिर आगे चल कर माँ सीता की खोज के अभियान के दौरान याद दिलाने पर उन्हें सारी शक्तियां वापिस प्राप्त हो गईं।